Wednesday, May 30, 2018

मुलाकात

तुम और मैं.... 

अरे हाँ, मैं और तुम,
चलो आज एक सौदा करते हैं,
अजनबी के जैसे फिर से मिलते हैं,
क्या पता, 


कहानी का रुख बदल जाए 
शायद वो मुलाकात वाला मोड़ ही ना आए, 
और हम,


एक-दुजे से अनजाने ही रह जाए,
तो चलो, 


नयी शुरूआत करते हैं 
अजनबी के जैसे फिर से मिलते हैं।

दुआ

हर रोज करती हूँ रब से तुम्हारे लिए दुआएं,
पर उस रब दी सौं,
उन दुआओं में तुम्हे कभी नहीं माँगा!



रविवारी- हर चेहरे में कहानियों का बाज़ार

रविवारी बाज़ार में खींची गयी एक तस्वीर रविवारी....  जहां आपको घर से लेकर बाजार की हर छोटी बड़ी चीजें मिल जाएंगी,  जहां आप किताब...